किरण

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द कॉलेज गर्ल्स (अध्याय 7 )

फर्स्ट ईयर का क्लासरूम
एनडी कॉलेज
दिल्ली

पंछी टीचर को देखती है और देखती ही रह जाती है ।
क्योंकि वो टीचर साक्षात पोपटलाल का दूसरा रूप लग रहे थे , बस छतरी की कमी थी।

सभी स्टूडेंट्स उनको गुड मॉर्निंग विश करते पीछे कई स्टूडेंट्स की  खुसुर फुसुर की आवाज़ आ रही थी।

पंछी कुछ देर तो टीचर को  ऐसे ही देखती रही फिर जानबूझकर अपना पेन नीचे गिर गया और वो पेन उठाने के बहाने  नीचे झुकी और बिना आवाज़ के ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी ।

थोड़ी देर बाद वो पेन उठाकर अपने बेंच पर बैठ गई ।

टीचर ने बोलना शुरू किया - मेरा नाम जयंत वर्मा है मैं आप लोगों को हिस्ट्री पढ़ाऊंगा , और साथ ही मैं आप लोगों का क्लास टीचर भी हूं ।

अब सब अपना इंट्रोडक्शन देंगे।

जयंत - सभी अपना नाम और ऐम बताएंगे , तो फर्स्ट बैंच से शुरू करते हैं ।

सब एक एक करके अपना इंट्रोडक्शन देते हैं ।

जब पंछी अपना इंट्रोडक्शन देती है तो सोनाक्षी का ध्यान उस पर जाता है ।

वो धीरे से बड़बड़ाई - इस छिपकली को भी मेरे बगल वाले बेंच में ही बैठना था ।

सोनाक्षी की बारी आने पर पंछी का भी कुछ ऐसा ही रिएक्शन था ।

सबका इंट्रोडक्शन हो जाने के बाद टीचर ने कुछ बेसिक जानकारी दी और पीरियड ओवर होने के बाद बाहर चले गए ।

टीचर के जाने के बाद काव्या ने पंछी से पूछा - तुम उस टाइम हंस क्यों रही थी ।

दरअसल काव्या ने पंछी को पेन उठाते टाइम हंसते हुए देख लिया ।

पंछी - वो , पर एक बताओ तुम्हें हंसी नहीं आई टीचर को देखकर। एकदम पोपटलाल जैसे लग रहे थे ।
और वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी ।

पूरी क्लास ने उसे घूर कर देखा ।

पंछी हड़बड़ा कर - आई एम सो सॉरी ।

काव्या ने पंछी से कहा - ऐसे किसी टीचर का मजाक नहीं उड़ाते ।

पंछी - मैं मज़ाक कहां उड़ा रही थी मैं तो बस बोल रही थी कि वो पोपटलाल जैसे दिख रहे थे और पोपटलाल तो है ही फनी 😂😂।

काव्या - तुम सच में निधि जैसी हो ।

पंछी - कब से मेरी तुलना निधि से कर रही पर उसके बारे में तो कुछ बताया ही नहीं , चलो बताओ ।

काव्या - क्लास खत्म होने के बाद बतातें हैं ।

पंछी - ओके ।

दोनों अभी बात कर ही रही थी कि एक दूसरी मैम आ गई ।
उन्होंने अपना नाम नैना माथुर बताया और अपना सब्जेक्ट ज्योग्राफी बताया।

ये वाली टीचर शक्ल से ही स्ट्रिक्ट लग रही थी । उन्होंने भी कुछ बेसिक जानकारी दी और कुछ क्वेश्चंस करने को दिए ।

जब सबका हो गया तो एक एक करके सबकी कॉपी चेक करने लगी और साथ साथ सबके नाम भी पूछ रही थी ।

और उन्होंने वॉटर साइकिल भी ड्रॉ करने के लिए दिया था ।

चेक करते हुए वो पंछी और काव्या के बेंच के पास पहुंची, उन्होंने पहले काव्या की कॉपी चेक की और उसे वेरी गुड भी कहा , अब बारी आई पंछी की उसके आंसर्स तो ठीक थे पर टीचर ने जैसे ही उसकी वॉटर साइकिल वाली ड्राइंग देखी और हल्का सा मुस्कुरा दी ।

उन्होंने एक गोलाकार शेप जिसके इधर उधर कुछ कांटे जैसे बने हुए थे और नाक , आंख और मुंह भी बना हुआ था की तरफ देखकर पूछा - ये क्या है बेटा ।

पंछी - मैम ये सूरज है ।

टीचर - सूरज तो बड़ा प्यारा है पर मैंने कभी सूरज के आंख, नाक नहीं देखे कभी ।

पंछी समझ गई कि टीचर उसकी फिरकी ले रही है ।
उसने कुछ नही कहा बस हल्की सी झेंप वाली मुस्कान उसके चेहरे पर आ गई , टीचर उसका नाम पूछकर आगे बढ़ गई ।

टीचर के जाने के बाद काव्या ने पंछी की ड्राइंग देखी और वो भी हल्का सा मुस्कुरा दी ।

पंछी ने उसकी तरफ़ देखते हुए इशारे में कहा - तुम भी ।

थोड़ी देर बाद बॉयज साइड से मैम की आवाज़ आई पंछी तुम्हारा बिछड़ा हुआ भाई मिला है, बिल्कुल तुम्हारी तरह ही ड्राइंग बनाई है इसने ।

पंछी ने उस तरफ़ देखा तो,टीचर ने एक लड़के की तरफ़ इशारा कर दिया ।

उस लड़के ने अजीब सा मुंह बनाया हुआ था उसने भी पंछी की तरफ़ देखा ।

पंछी इस लड़के का नाम याद करने लगी , क्या नाम था इसका , याद आया अथर्व हां यही था ।

पंछी ने कुछ नहीं कहा और इसी तरह यह पीरियड ओवर हो गया ।

इसके बाद एक पीरियड के बाद ब्रेक हो गया सब बाहर जाने लगे इसी बीच सोना और पंछी एक दूसरे से टकरा गईं ।

दोनों ने एक दूसरे को देखे बिना कहा - सॉरी सॉरी ।

दोनों की नजरें मिली और दोनों ने एक दूसरे को जलती हुई निगाहों से देखा मानों एक दूसरे को कच्चा खा जाएंगी ।

खैर जैसे तैसे दोनों निकली तो उन्होंने देखा कि मेघा और काव्या एक दूसरे से बातें कर रही है, दोनों एक ही टेबल पर बैठी हुई थी ।

सोना और पंछी भी वहां पहुंच गई और एक दूसरे को घूरते हुए अगल बगल बैठ गईं ।

काव्या ने पंछी से कहा - तुम कहां रह गई थी, हमने तुम्हें बहुत ढूंढा फिर हमें लगा कि तुम शायद यहां आ गई होगी तो.....

पंछी - चिल मैं बुरा नहीं मानूंगी ।

मेघा - हां सोना मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ ।

मेघा - वैसे सोना , ये काव्या है और ये पंछी ।

सोना - हाई काव्या उसने पंछी से कुछ नहीं कहा ।

काव्या - हेलो ।

पंछी ने भी सिर्फ मेघा को हाई किया ।

मेघा ने दोनों की तरफ़ देखा, तुम दोनों एक दूसरे को जानती हो क्या ?

दोनों एक साथ - नहीं ?

मेघा - फिर तुम दोनों के बीच ऐसी कोल्ड वॉर वाली स्थिति क्यों बनी हुई है ।

पंछी - कुछ नहीं बस ।

मेघा - अब बता भी दो ।

सोना - ये क्या बताएगी , मैं बताती हूं । और उसने आज सुबह की पूरी घटना के बारे में बता दिया ।

काव्या और मेघा ने हैरानी से उन दोनों की तरफ़ देखा ।

काव्या - बस इतनी सी बात के लिए तुम दोनों आपस में ऐसे टॉम एंड जेरी जैसे लड़ रही हो ।

मेघा - वही तो , सीरियसली ।

पंछी और सोना दोनों ने ही मुंह फुलाया हुआ था।

काव्या - अच्छा ठीक है गलती दोनों की थी तो दोनों एक दूसरे से माफी मांग कर बात को खत्म करो ।

दोनों ने ही कुछ रिएक्शन नहीं दिया तो मेघा ने कहा - अच्छा ठीक पर एक बार तुम दोनों एक दूसरे की जगह पर आकर देखो ।
देख लिया ,अब बताओ कौन गलत और कौन सही ।

दोनों ने एक दूसरे की तरफ़ देखा और हल्के से कहा - सॉरी ।

मेघा - ये हुई न बात ।

पंछी ने किसी छोटे बच्चे की तरह सोना की तरफ़ हाथ बढ़ाया और कहा - फ्रेंड्स ।

सोना ने भी मुस्कुरा कर कहा - फ्रेंड्स ।

पंछी - अच्छा , सोना थोड़ा रुक कर मैं तुम्हें सोना बोल सकती हूं ना ।

सोना - हां बिलकुल ।

पंछी - हां तो सोना, तुम भी दिल्ली से हो न ।

सोना - हां , और मेघा भी ।

पंछी - क्या , ये तो बहुत अच्छी बात है ।

सब अपने बारे में बताते हैं । चारों लड़कियां बात कर ही रहीं होती हैं कि आवाज़ आती है - हेलो गर्ल्स ।

चारों आवाज़ की डायरेक्शन में देखती हैं ।

आगे क्या होगा कहानी में जानने के लिए पढ़िए अगला भाग ।

धन्यवाद !

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